रहो जबतक तू धरती पर
सजा के रक्खो धरती को
जो होंगे भोगने वाले
रखेंगे याद वे तुमको .
कान्हा अपने लिए कोई
कंही कुछ ले के जाता है
सजाता जिंदगी भर तन
यंही वह राख होता है . .
समय के साथ चलकर तुम
नयी धारा बहा जाओ .
पुराणी लीक से हटकर
नयी राहें बना जाओ ..
सजा दो फुल से क्यारी
लगा दो पेड़ फल वाले
हरा संसार हो सुन्दर
बसा दो लोग दिलवाले . .
चुभे जो दिल में जा सीधे
न ऐसी बात तुम बोलो .
रिझाये जो ज़माने को
मधुर वह बात तुम बोलो . .
जगत ले सीख कुछ तुम से
तू ऐसा काम कर जाओ .
बना दे कालजयी तुमको
तुम ऐसा नाम कर जाओ..
आपका जीवन संगीत अति कर्ण-प्रिय है।
ReplyDeleteजगत ले सीख कुछ तुम से
तू ऐसा काम कर जाओ .
बना दे कालजयी तुमको
तुम ऐसा नाम कर जाओ..
वाह.
बहुत सुन्दर!
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