JEEWAN SANGEET

Tuesday, June 15, 2010

MERI RAAT MUJHE HAI BHAATI

मेरी रात मुझे है भाती .

सुबह सबेरे उठना होता
सांझ-सांझ तक खटना होता
जीवन-बोझ उठाने हेतु
भारी मिहनत करना होता

क्ष्रम - सेवा जीवन है साथी
मेरी रात मुझे है भाती .

स्नेहिल रात मुझे सहलाती
कल हेतु तैयार कराती
सुख सपनों की सेज सजाती
प्राणों में उर्जा भर जाती

नींद मुझे अच्छी है आती
मेरी रात मुझे है भाती ..

केवल अपने लिए न मरता
अपने क्ष्रम पर मुझ को ममता
क्ष्रम की महिमा बहुत समझता
दिल से क्ष्रम की पूजा करता

खुशहाली क्ष्रम से है आती .
मेरी रात मुझे है भाती . .

रात नहीं विश्राम है केवल
तारों की बारात न केवल
यह माता की गोद सुहावन
देती है सबको संजीवन

शशि किरणे अमृत है लाती
मेरी रात मुझे है भाती . .

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