JEEWAN SANGEET

Sunday, June 13, 2010

KUCHH BAAT JINDAGI KI

भूले नहीं भुलाती कुछ बात जिंदगी की
बीती उम्र बताती कुछ बात जिंदगी की .
जज्बात लेके चलते है लोग जिंदगी में
जज्बात पर ही चलती है बात जिंदगी की . .

घटनाएँ नित अनोखी घटती है जिंदगी में
घटनाओ से ही बनती कुछ बात जिंदगी की .
सपने हज़ार लेके जीते है हसरतों में
सपनो से ही बनती कुछ बात जिंदगी की . .

अपनी ही ले कहानी सब लोग है उलझे
सुलझे नहीं सुलझती कुछ बात जिंदगी की .
फूलों का साथ कांटे तजते कभी नहीं जब
कैसे कान्हू सुमन की है सेज जिंदगी की . .

अनुकूल में मचलकर, प्रतिकूल में बिखर कर
चलती है सीधी - टेढ़ी यह नाव जिंदगी की
दरिया की वक्रधारा यात्रा कठिन बनाती
नाविक कुशल लगता तट नाव जिंदगी की . .