JEEWAN SANGEET

Thursday, June 17, 2010

काम सब करो सही

तुम बात सब करो सही
तुम काम सब करो सही
तुम सत्य पर अड़े रहो
तुम निडर हो खड़े रहो .
तुम अनुभवी अतीत हो
तुम वर्तमान प्रतीत हो
तुम जिंदगी को साध लो
तुम धैर्य से बढे चलो .

तुम दिव्या अंश प्राण हो
तुम आत्मा महान हो
तुम पूज्य, भाग्यवान हो .
तुम चेतना महान हो
तुम इश के अवदान हो
तुम पुण्य पंथ गढ़ चलो
तुम उच्च लक्ष्य पर चलो . .

1 comment:

  1. मनुष्य को उसकी दिव्यता का बोध कराती , उसे महान लक्ष्य कि ओर प्रेरित करने वाली बहुत अच्छी कविता | कविता का आंतरिक प्रवाह बहुत अच्छा लगा |

    "तुम चेतना महान हो
    तुम इश के अवदान हो"

    इसलिए

    "तुम सत्य पर अड़े रहो
    तुम निडर हो खड़े रहो ."

    सच कहा आपने - नैतिकता का आधार हमारी दिव्यता का बोध होनी चाहिए वरना वह कभी भी डगमगा जाएगी |


    मेरी शुभकामनाएं

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