ज़माना सदा ही रहा साहसी का
बढ़ो कर के हिम्मत, जगत साथ देगा .
पहले तू अपनी कहो खुलके मंशा
समझ मंशा जगत साथ देगा .
अगर लोकमंगल की मंशा तुम्हारी
तो आगे बढ़ने में जग साथ देगा . .
न झल्को भाई तू अपनी लाचारी
दिखलाओ क्षमता जगत साथ देगा . .
चलता रहेगा पकड़ धार जग यह
समय का विहंगम भी उड़ता रहेगा .
अगर है नयी कल्पना जिंदगी की
जगत साथ चलने को तत्पर रहेगा . .
गधो कोई सपना मनुजता का नूतन
बढ़ो करके साहस जगत साथ देगा . .
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