आज जो मैं लिख रहा हूँ, जान लो
वह अमर कल भी, हमेशा ही रहेगा . .
इस मही पर सृजन पथ जबतक रहेगा
व्यास का अवतार होता ही रहेगा .
हर प्रलय को सृजन ही देगी चुनौती
सृष्टि के संग क्रम यही चलता रहेगा . .
प्रलय की चिंता न कोई भी करे
सृजन का यह चक्र चलता ही रहे
भाव-सरिता को बहा सागर बना दो .
पत्थरों को फोड़कर निर्झर बहा दो . .
राह से गुमराह करते लोग मिलते ही रहेंगे
और रोड़े भी निरंतर राह में मिलते रहेंगे
किन्तु सर्जक स्वप्न को साकार करता ही रहेगा .
साहसी निज स्वप्न को साकार करता ही रहेगा .
लेखनी से बांध गया नाता सुनहरा
यह दिनोदिन हो रहा है सतत गहरा .
जिंदगी के साथ लेखन भी चलेगा
व्यास का अवतार होता ही रहेगा .
राह से गुमराह करते लोग मिलते ही रहेंगे
ReplyDeleteऔर रोड़े भी निरंतर राह में मिलते रहेंगे
किन्तु सर्जक स्वप्न को साकार करता ही रहेगा .
साहसी निज स्वप्न को साकार करता ही रहेगा .
सुन्दर पंक्तियों के साथ बेहतरीन रचना ।
लेखनी से बांध गया नाता सुनहरा
ReplyDeleteयह दिनोदिन हो रहा है सतत गहरा . Dubo aur par nikal javo.Mein janta hoon apka aur bhee accha kalam ahsas ki gahriyon mein doob kar sargit hoga.
kya baat
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